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बाघों के रहवास हेतु अनुकूल परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए वन एवं पर्यावरण भारत सरकार अपने पत्र क्रमांक 3-1/2003 पी.टी. दिनांक 05.08.2006 द्वारा उदंती एवं सीतानदी अभ्यारण क्षेत्र के 851.09 वर्ग कि.मी. कोर जोन एवं 991.45 वर्ग कि.मी बफर जोन, कुल 1842.54 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र को प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत लेने पर सैद्धांतिक अनुमोदन उपरान्त छ.ग. शासन की अधिसूचना क्रमांक – एफ 8-43/2007/10-02,रायपुर दिनांक 20.02.2009 द्वारा उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व गरियाबंद का गठन हुआ | उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व का नाम उदंती अभ्यारण एवं सीतानदी अभ्यारण में प्रवाहित होने वाली नदी उदंती एवं सीतानदी के नाम पर रखा गया है |
उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में मुख्यत: साल,मिश्रित वन एवं पहाड़ी क्षेत्रों पर बांस वन है | इसके अलावा कुछ क्षेत्रों पर सागौन के प्राकृतिक वन हैं,जिसमें मुख्यत: बीजा, शीशम, तिन्सा, साज, खम्हार, हल्दू, मुड़ी, कुल्लू, कर्रा, सेन्हा, अमलतास इत्यादि प्रजाति पाई जाति हैं | टाइगर रिज़र्व में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे प्रचुर मात्रा में है और टाइगर रिज़र्व का क्षेत्र जैव विविधता से परिपूर्ण है |
Vision & Mission
Our Mission
Wildlife Conservation by means of Individual Animal Welfare and Scientific Studies in Association with Communities and Governments
Our Vision
Conservation of Natural Heritage of India.